शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

अटल जी एक व्यक्ति नहीं विचार थे

जन जन के लोकप्रिय नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री #अटलबिहारी वाजपेयी जी आज काल से हार मान गए । उनका जाना भारतीय राजनीति के उस युग का अवसान है जो अपनी उदारता , विरोधी के सम्मान और वैचारिक खुलेपन के लिए जानी जाती थी । न केवल एक कवि हृदय उनको मिला बल्कि करोड़ों लोगों और विपक्षियों का भी सम्मान उन्हें हासिल हुआ । अपनी बेबाक टिप्पणियों और धारा प्रवाह भाषण कला के लिए वो जाने जाते थे । नैतिक मूल्यों को सदैव राजनीति से ऊपर रखने तथा सुलझे हुए दृष्टिकोण और विचारों के लिये उनका अखिल विश्व मे सम्मान था । अपने इलाज के लिए राजीव गांधी के प्रति कृतज्ञता रही हो या इंदिरा गांधी को दुर्गा कहना या संसद में नेहरू जी के चित्र को पुनः टँगवाना या फिर रजनीश की मृत्यु पर उनको विवेकानन्द के बाद सदी का जीनियस सम्बोधन देना । अटल जी की वाग्मिता और उदारता , सहृदयता के दर्शन सब जगह होते हैं । मैंने उन्हें अपने बचपन में फूलबाग के मैदान से लेकर गुमानपुरा नहर के पास और दशहरा मैदान तक हर जगह सुना । शायद ही उनकी कोई सभा या संसद में दिया भाषण सुनने से छोड़ा हो । उनका जाना न जाने क्यों करोड़ो भारतीयों की तरह मुझे अपनी व्यक्तिगत क्षति लगती है । प्रधानमंत्री सड़क योजना , नदियों को जोड़ना और जल संकट को लेकर विश्व युद्ध की भविष्यवाणी उनकी दूरदर्शिता का परिचायक हैं । भारतीय राजनीति के इस अप्रतिम योद्धा को शत शत प्रणाम और आत्मिक श्रद्धांजलि ! आने वाली पीढ़ियां शायद ही इस उच्च राजनीतिक मूल्यों को स्पर्श कर पाएं जिन्हें नेहरू , पटेल , शास्त्री ,  अटल जी , जैसों ने स्थापित किया था ।