शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008
अंतुले पर देश द्रोह का मुकदमा चले
अंतुले का बयान चर्चा में है । अंतुले राजनीति के अनुभवी खिलाडी हैं । कोई नौसिखिया नही । उन्हें अन- तुले नही बहु -तुले कहें । उनका बयान भारतीय राजनीती के तुष्टीकरण का हिस्सा है । अपनी टिप्पणी पर उनका विक्ट्री का निशान दिखाना किस मनोवृति का परिचायक है ? अंतुले नपे -तुले हैं वो कोकण के मुस्लिमों को संतुष्ट करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं । भारत की कूटनीति को धक्का लगे या मुक्का अंतुले का चुनावी छक्का तो लग गया । वैसे ही भारत बमुश्किल पाकिस्तान को धमकाने का साहस जुटा पाया था ,उसकी हवा अंतुले ने और निकाल दी । आतंकवादियों के प्रवक्ता को अविलम्ब जेल की हवा खिलानी चाहिए । शहीदों के शहादत को शर्मिंदा कर अंतुले ने देश -द्रोह का काम किया है क्यों न उन पर मुकद्दमा चलाया जाए ?
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antule jaise kai neta hain jinhein in aatanwaadiyo se bhi pahle bina kisi mukadme ke goli maar deni chahiye. Prajatantra se is desh ka bhala nahi hone wala military rule hona chahiye.
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