मंगलवार, 23 दिसंबर 2008

अम्बानियों संवदेनशील बनो !

कौन कहता है कि बादशाह शाहजांह चले गए ? जिन्दा हैं वो अभी भी नए -नए रूपों में । ११ वर्षों की मेहनत और करोड़ों रुपए से बढकर खर्च करने वाले अपने अम्बानी बन्धु आज मौजूद हैं । एक ने अपनी पत्नी को गत वर्ष २५० करोड़ का प्लेन गिफ्ट में सालगिरह पर दिया तो दूसरा उससे बढकर है वो ४५० करोड़ का मकान गिफ्ट में दे रहा है । जी हाँ ! यह हैं शाहजांह के नए वारिस । एक तरफ़ किसान आत्म हत्या कर रहे हैं ,नौकरियों से छुट्टी हो रही हैं । लोग मंदी का शिकार हैं लेकिन आपने नीरो धन का दुरूपयोग कर रहे हैं । क्या अच्छा होता कि जनता से कमाया हुआ यह धन हमारे यह कुबेर मुम्बई में मारे गए शहीदों को मदद में देते । या इस धन से कोई स्कूल ,कॉलेज खुलवाते अथवा कोई अस्पताल बनवाकर दान में दे देते । अम्बानी बंधुओं को बिल गेट्स से शिक्षा लेनी चाहिए जो एड्स के खिलाफ कार्यक्रम चला रहे हैं । धन का ऐसा अपार्थिव पूजन तुंरत बंद होना चाहिए ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. ठीक कहा आप ने यही है अंधेर नगरी ग़रीब भूख़ा और सेठ घी में तर।

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  2. व्यंग्यात्मक भाव प्रभावशाली है । बहुत अच्छा िलखा है आपने । बधाई । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है- आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो पढें और कमेंट भी दें-

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  3. agar pesa barbad hi karna hai to tarike se karo ke log aapko marne ke bad bhi yad kare kisi mahan dani ke tor par ya fir kisi mahan aatma ki tarah kalyug me sirf bhagwan pese ko mana gata hai or agar wo aapke pas hai to uska upyogis trah kigia ki log aapko bhgwan samjhe garibo berojgaro or bhudo besahara apahij logo ki madad kigia to ye janm to kya agale sat janam sudhrege

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