कोटा ग्याहरवां व्यंग्यश्री मधुबन सम्मान इस वर्ष प्रसिद्ध व्यंग्य कवि तथा स्तंभकार सूर्यकुमार पांडेय को स्थानीय अंबेडकर भवन में संस्था काव्य मधुबन द्वारा प्रदान किया गया । ज्ञातव्य है कि ये सम्मान प्रतिवर्ष व्यंग्य के क्षेत्र में काम करने वाले किसी एक राष्ट्र स्तरीय रचनाकार को उनके इस क्षेत्र में योगदान के लिए प्रदान किया जाता है । उपमहापौर राकेश सोरल, विशिष्ट अतिथि महेन्द्र शर्मा तथा साहित्यकार ओंकारनाथ चतुर्वेदी, शिवराम स्वर्णकार, संस्था अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी , सचिव अशोक हावा की उपस्थिति में ये सम्मान श्रोताओं से भरे खचाखच समारोह में गत २७ फरवरी को दिया गया । इस अवसर पर आयोजित फुहार समारोह में यह सम्मान संस्था काव्य मधुबन द्वारा हर साल होली के पूर्व एक रंगारंग समारोह में दिया जाता है । अभी तक हरीश नवल, सूर्यबाला , प्रेम जनमेजय, विष्णु नागर, शेरजंग गर्ग , बालेंदुशेखर तिवारी, ज्ञान चतुर्वेदी आदि को ये व्यंग्य श्री मधुबन सम्मान दिया जा चुका है ।
सम्मान स्वरूप रचनाकार को एक प्रशस्ति पत्र , शाल , श्रीफल, प्रतीक चिह्न दिया गया । इस अवसर पर सूर्यकुमार पांडेय , लखनऊ ने कहा कि व्यंग्य लेखन की संभावनाएं अनंत हैं तथा वो प्रचुर मात्रा में लिखा भी जा रहा है , क्योंकि उसकी मांग अधिक है । लेकिन व्यंग्यकारों को उसमें निरंतर जागरूक रहना पडेगा तथा जनता की संवेदनाओं को ढंग से समझना पड़ेगा तभी सार्थक व्यंग्य लेखन संभव है । उन्होने इस अवसर पर अपनी चुनिंदा कविताओं तथा गद्य व्यंग्य का पाठ भी किया । जिसे श्रोताओं ने भरपूर सराहा । इससे पूर्व भावना काले , भूपेन्द्र शर्मा तथा दीपक सिंह ने होली तथा रसिया गायन की छटा बिखेर कर लोगों का मन मोह लिया । सूर्यकुमार पांडेय का परिचय डॉ. उषा झा ने दिया तथा रामनारायण हलधर ने सम्मान पत्र का वाचन किया । कार्यक्रम का संचालन संस्था अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सचिव अशोक हावा ने किया । इस मौके पर सूर्यकुमार पांडेय की रचनाओं पर आधारित एक मोनोग्राफ का विमोचन भी किया गया ।
बधाई लेने वालों
जवाब देंहटाएंदेने वालों और
बतलाने वालों को भी।
भाई यह रिपोर्टिंग कुछ विस्तार से होती तो आनंद बढ़ जाता। वास्तव में अविस्मरणीय समारोह था। बहुत आनंद आया।
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