शनिवार, 4 अक्तूबर 2008
बिग बॉस की फूहड़ता पर रोक लगे !
बिग बॉस नामक अश्लील सीरियल का प्रसारण दिखा कर हम क्या संदेश देना चाहते हैं ?क्या मुनाफे के लिए हमारे चैनल कुछ भी परोसेंगे ?हमारी शिष्टसोच ,संस्कार आदि को क्या लकवा मार गया है ?भारत अमरीका नही है । हमे बक्शें ,हमें उन अंधेरे कुओं में मत धकेलें जिन का दंश पाश्चात्य देश भोग रहें हैं । राहुल की करतूतें जग जाहिर हैं । वे अपनी विकृत मानसिकता का प्रदर्शन कर रहें हैं । समाज के ऐसे चरित्रों को महिमा मंडित करने का दोषी कलर चैनल भी है । इस सीरियल पर तुंरत रोक लगनी चाहिए । सामाजिक संगठनों को आवाज़ उठानी चाहिए । आख़िर मिडिया का भी दायित्व है की वह अपनी जिम्मेदारी समझे । बहू ,बेटियों के राष्ट्र में आप अपनी नग्नता फैलाने से बाज़ आयें तो कृपा होगी ।
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सही कहा है पर क्या रुकेगा बिग बॉस सबसे बड़ा सवाल है ये। शायद नहीं पर थोड़ी अश्लीलता रुक जाए।
जवाब देंहटाएंअफसोस होता है ऐसी फूहड़ता देख कर.
जवाब देंहटाएंआपको शायद मालूम नहीं माँ नवरात्र से कबकी विदा ले चुकी हैं, बिग बॉस से वर्षों पहले से बड़े शहरों के कुंवारे युगल गरबा 'रास' रचा रहे हैं (जनवरी, फरवरी के महीनों में गर्भपात की बाढ़ आ जाती है). नवरात्र के नाम पर इस फूहड़ता के सामने बॉस की फूहड़ता क्या है? कम से कम वे यह सब माँ के नाम पर तो नहीं कर रहे!
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