शनिवार, 15 नवंबर 2008

कंगारू बददिमाग हैं

ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी मैथ्यू हेडेन की टिप्पणी कि -'भारत तीसरी दुनिया का देश है '। अत्यन्त निंदा जनक है । ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ियों के नस्लवादी सोच का परिचायक है । गिलक्रिस्ट के बाद हेडेन का बयान उनकी खिसियाहट का प्रतीक है । हार को पचाना भी कंगारुओं को सीखना चाहिए । भारत तीसरी दुनिया का देश है या महाशक्ती इस बात के प्रमाण के लिए हमारा चंद्र अभियान , विशाल लोकतंत्र ,कंप्यूटर में अग्रणी होना ही पर्याप्त सबूत है । वसीम अकरम ने ठीक जबाव दिया है कि भारत की तुलना में ऑस्ट्रेलिया एक गाँव है । हेडेन ने भी उसी संकुचित ग्राम्य मानसिकता का परिचय दिया है । राष्ट्र विरोधी इस टिप्पणी के लिए उन्हें माफी मंगनी चाहिए । आई .पी एल के आयोजकों को भी उन्हें पुनः आमंत्रित नही करना चाहिए । खेल का विकास तभी सम्भव है जब हम उसे खेल ही समझें न की युद्ध का मैदान ।

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