मंगलवार, 30 दिसंबर 2008

नए साल में सब कुछ नवा -नवा (व्यंग्य )

आ रहा है नया साल । काहे को हो रहे हैं आप बेहाल ? मत बदलिए अपनी चाल । चलिए वैसे ही बेढंगे ,आड़े-तिरछे ,दूसरों को रौंदते हुए किसी राजकुमार विजित की तरह । भाषावाद को , प्रान्तीयतावाद को लगाइए एक और चिंगारी ताकि जले इसमें अक्खा भारत का नर -नारी । नए साल के संकल्प तो मूर्ख करते हैं । हम तो वो हैं जो कभी नही सुधरेंगे । उम्मीद है इस साल सिने तारिकाओं और फिल्मी नायकों के लम्पट
यश का बखान चैनल करते रहेंगे । धर्म के नाम पर जनता के भावनाओं को बरगलाते रहेंगे और अपनी दुकान पुरस्कारों का विवरण बता चमकाते रहेंगे । अख़बार तमाम राजनीतिज्ञों की बे -सिर पैर के वक्तव्यों से भरे रहेंगे । क्रिकेट बिकता रहेगा , आशा है के वो बिकनी से
न्यूड हो जाएगा । बम हमारे दिमाग में फूटना बंद होंगे । मायावती जी भय मुक्त समाज के स्थापना इस तरह से करेंगी की न भय रहेगा ,न भयभीत । देश तरक्की के राह पर चलेगा , जमीन पर अमन हो न हो चाँद पर सुकून मिलेगा । जीवन सस्ता होगा ,पानी मंहगा । डर आम होंगे , हंसी खास । नीद मुश्किल होगी , बैचैनी सर्व सुलभ । कुछ ऐसा नया साल हमें मिलेगा । आमीन !

5 टिप्‍पणियां:

  1. नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.

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  2. नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.

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  3. सचाई कह रहें हैं। पर फिर भी नहीं चाहिए भाई किसी को भी ऐसा भयावह नया साल। कम से कम सपनों और शुभकामनाओं पर तो सचाई की काली छाया रहने दें। ये दो दिन साल का आखरी और पहला दिन तो इन के साथ बिता लेने दें।

    हाँ आलेख के चरण, अर्ध और पूर्ण विराम गड़बड़ा गए हैं। जरा इन्हें संभालें।

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  4. नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
    नीरज

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  5. नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
    नीरज

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