पिछले दिनों लंबा अन्तराल रहा । आप लोगों से मुखातिब न हो सका ,इसका बड़ा कारण था लगातार तीन महीनों से व्यस्त रहना । यह व्यस्ततता थी एक विशाल आयोज़न की । हमारी संस्था 'काव्य -मधुबन ' प्रति वर्ष एक राष्ट्रीय व्यंग्यकार को सम्मानित करती है । इस कार्यक्रम में अभी तक हरीश नवल ,सूर्यबाला ,प्रेम जन्मेजय ,शेरजंग गर्ग , विष्णु नागर,बालेन्दुशेखर तिवारी आदि सम्मानित हो चुके हैं । इस साल इस आयोज़न के एक दशक होने जा रहे थे । इस कारण हमने दो दिवसीय 'अखिल भारतीय व्यंग्य शिविर ' का आयोज़न रखा । इस शिविर में ज्ञान चतुर्वेदी ,प्रेम जनमेजय ,विष्णु नागर ,अजय अनुरागी ,देवेन्द्र इन्द्रेश जैसे लब्ध प्रतिष्ट व्यंग्यकार पधारे । दो दिन तक कई चर्चाएँ हुईं । इस वर्ष का "मधुबन व्यंग्य श्री पुरस्कार " ज्ञान चतुर्वेदी को कोटा में एक भव्य समारोह में दिया गया । व्यंग्योदय नामक व्यंग्य संकलन का भी विमोचन हुआ । शेष ख़बर कल के पोस्ट में ........
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