माफ करे सौ गलतियां ,नखरे सहे हजार ।
बदले में मांगे नहीं , ऐसा मां का प्यार ।।
मां के चरणों में बसे, जग के चारों धाम ।
ममता की छाया तले, क्या वर्षा ,क्या घाम ।।
जब- जब हमने दिया उसे, अपने सुख का भाग ।
तब-तब मानों जाग उठे, अपने रूठे भाग ।।
अपलक पहरों जागती, पोती सुख के फूल।
चंदन सी सुरभित हुयी, उसके पग की धूल ।
जिसको हर पल ही रहे ,सबके सुख का भान ।
बासी रोटी में मिले , सदा पाँच पकवान ।।
इक दुर्लभ वरदान है, एक धवल अहसास ।
वह अमीर सबसे बड़ा, माँ है जिसके पास।
माँ पीड़ा का गीत है, माँ है रस की खान ।
माँ जीवन का काफिया , माँ है सुर,लय,तान।।
मदर्स डे पर सुंदर प्रस्तुतीकरण .. दुनियाभर की सभी मांओं को मदर्स डे पर बधाई और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंबड़ा सुन्दर लयबद्ध गीत लिखा है |
जवाब देंहटाएंकुछ पंक्तियाँ बहुत पसंद आईं
जब- जब हमने दिया उसे, अपने सुख का भाग ।
तब-तब मानों जाग उठे, अपने रूठे भाग ।।
आपने ये हिंदी टूलबार कैसे डाला है ? ताजा टिप्पणियाँ कैसे साइड बार में दिखी हैं , क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं ?
क्या इनके लिए एडसेंस खता भी बनाना पड़ेगा |
आभारी रहूँगी |